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Hindi translation of bestseller "Who Killed Karkare?"
Book:
करकरे
के हत्यारे कौन ?
भारत में आतंकवाद का असली
चेहरा
एस. एम. मुशरिफ़
by
S.M. Mushrif
[Former, IG Police, Maharashtra]
368 pages p/b
Price: Rs 250 / US $15 $20
ISBN-10: 81-7221-038-8
ISBN-13: 978-81-7221-038-0
Year: 2010
Publishers: Pharos Media Publishing Pvt Ltd
368 पन्नों की यह पुस्तक भारत में “इस्लामी आतंकवाद” की
फ़र्ज़ी धारणा को तोड़ती है।
यह उन शक्तियों के बारे में पता लगाती है जिनका महाराष्ट्र ए टी एस के प्रमुख
हेमंत करकरे ने पर्दाफ़ाश करने की हिम्मत की और आख़िरकार अपने साहस, और सत्य के प्रति
अपनी प्रतिबद्धता की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई।
एक पुस्तक जो साफ़ तौर पर यह कहती है कि ये “ब्राह्मणवादियों” का “ब्राह्मणवादी
आतंकवाद” है, इस्लामवादियों का “इस्लामी आतंकवाद” नहीं...
From the back Cover:
राज्य और राज्यविहीन तत्त्वों द्वारा राजनीतिक हिंसा या आतंकवाद का एक लम्बा
इतिहास भारत में रहा है। इस आरोप ने कि भारतीय मुसलमान आतंकवाद में लिप्त हैं, 1990
के दशक के मध्य में हिंदुत्ववादी शक्तियों के उभार के साथ ज़ोर पकड़ा और केंद्र में
भाजपा की सत्ता के ज़माने में राज्य की विचारधारा बन गया। यहाँ तक कि “सेक्यूलर”
मीडिया ने सुरक्षा एजेंसियों के स्टेनोग्राफ़र की भूमिका अपना ली और मुसलमानों के
आतंकवादी होने का विचार एक स्वीकृत तथ्य बन गया | हद यह कि बहुत-से मुसलमान भी इस
झूठे प्रोपेगण्डे पर विश्वास करने लगे।
पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस.एम. मुशरिफ़ ने, जिन्होंने तेलगी घोटाले का भंडाफोड़
किया था, इस प्रचार-परदे के पीछे नज़र डाली है, और इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र व
अपने लम्बे पुलिस अनुभव से प्राप्त ज़्यादातर जानकारियों (शोध-सामग्री) का उपयोग
किया है। उन्होंने कुछ चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है, और अपनी तरह का पहला
उनका यह विश्लेषण तथाकथित “इस्लामी आतंकवाद” के पीछे वास्तविक तत्त्वों को बेनक़ाब
करता है। ये वही शक्तियां हैं जिन्होंने महाराष्ट्र ए टी एस के प्रमुख हेमंत करकरे
की हत्या की, जिसने उन्हें बेनक़ाब करने का साहस किया और अपनी हिम्मत व सत्य के लिए
प्रतिबद्धता की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई।
यह पुस्तक भारत में “इस्लामी आतंकवाद” से जोड़ी गयीं कुछ बड़ी घटनाओं पर एक कड़ी नज़र
डालती है और उन्हें आधारहीन पाती है।
About the author
एस.एम. मुशरिफ़ महाराष्ट्र के एक पूर्व आई जी पुलिस थे जो सबसे ज़्यादा अब्दुल
करीम तेलगी फ़र्ज़ी स्टांप पेपर घोटाले को उजागर करने के लिए याद किये जाते हैं। वह
1975 में महाराष्ट्र के लोक सेवा आयोग द्वारा सीधे पुलिस उपाध्यक्ष नियुक्त किये
गये थे; और 1981 में भारतीय पुलिस सेवा में ले लिए गए थे।
श्री मुशरिफ़ को वर्ष 1994 में सराहनीय सेवा के लिए “राष्ट्रपति पुलिस पदक” से
सम्मानित किया गया था । शानदार सेवा के लिए उन्हें पुलिस महानिदेशक का प्रतीक चिह्न
भी दिया गया और बेहतरीन कार्यप्रदर्शन के लिए सीनियर अधिकारियों की तरफ़ से उन्हें
बहुत सराहा गया। अक्तूबर 2005 में उन्होंने रिटॉयरमेंट लिया। अब वह सूचना अधिकार
अधिनियम, 2005 को लागू कराने, भ्रष्टाचार के ख़ात्मे, साम्प्रदायिक सौहार्द्र और
किसानों व दलितों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।
विषय-सूची /
Table of Contents:
तीसरे अंग्रेज़ी
संस्करण का प्राक्कथन
प्राक्कथन
1. हिन्दू-मुस्लिम दंगे
आम हिन्दुओं (बहुजन) को दबोचे रखने के लिए ब्राह्मणवादियों की रणनीति
2. नई चाल, नया जाल
साम्प्रदायिकता के बजाय “मुस्लिम-दहशतगर्दी” का हव्वा
3. बम विस्फोटों की जाँच
ब्राह्मणवादियों को बचाने और मुसलमानों के फंसाने के लिए आई बी की ग़ैर ज़रूरी और
सोची-समझी दख़ल अन्दाज़ी
i) 2006 का मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामला (11 जुलाई 2006)
ii) मालेगांव बम विस्फोट मामला (8 सितम्बर 2006)
iii) अहमदाबाद बम विस्फोट और सूरत के बिना फटे बम (26 जुलाई 2008)
iv) दिल्ली बम विस्फोट 2008 (13 सितम्बर 2008)
v) समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट केस (19 फ़रवरी 2007)
vi) हैदराबाद मक्का मस्जिद विस्फोट (18 मई 2007)
vii) अजमेर शरीफ़ दरगाह विस्फोट (11 अक्तूबर 2007)
viii) उत्तर प्रदेश की अदालतों में श्रृंखलाबद्ध विस्फोटक (23 नवम्बर 2007)
ix) जयपुर धमाके (13 मई 2008)
4. नानदेड़ बम धमाका (5 अप्रैल 2006)
जिसका राज़ संयोग से फ़ाश हो गया
5. मालेगांव बम धमाका केस : 2008
(मुंबई पर हमले से पहले की जाँच)
मामले की ईमानदारी के साथ पहली यथार्थ जाँच, हेमंत करकरे ने राह दिखाई
6. करकरे के हत्यारे कौन ?
मुंबई पर आतंकी हमला एक वास्तविकता है लेकिन सी एस टी-कामा-
रंगभवन लेन प्रकरण पर रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है
भाग-1 आई बी और नौसेना ख़ुफ़िया निदेशालय के ब्राह्मणवादी तत्त्वों
ने अमेरिका और रॉ द्वारा दी गयी धमाकेदार ख़ुफ़िया जानकारी को जान-बूझकर रोक दिया
भाग-2 सी एस टी पर लगे 16 सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ हुई थी
भाग-3 सी एस टी के “आतंकवादियों” ने उन सिम कार्डों का प्रयोग किया था जिनके तार
सतारा से जुड़े हुए थे।
भाग-4 उन 284 फ़ोनों में से कसाब और ईस्माइल ख़ान के पास एक भी फ़ोन नहीं आया जिनपर
वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल टेक्नोलॉजी (वी ओ आई पी) का प्रयोग करके आतंकवादियों ने
पाकिस्तान के
अपने आक़ाओं की कॉल रिसीव की थीं।
भाग-5 आतंकवादी धारा-प्रवाह मराठी बोल रहे थे
भाग-6 सी एस टी पर मारे गये 46 लोगों में से 22 मुसलमान थे
भाग-7 करकरे को फंदे में फंसाया गया
भाग-8 अजमल कसाब को भारतीय एजेंसियों द्वारा 2006 के पहले काठमांडू (नेपाल) में
गिरफ़्तार किया गया था
भाग-9 अजमल कसाब की बहु-प्रचारित तस्वीर
भाग-10 एक महिला गवाह को पूछताछ और उसके बयान को दर्ज
करवाने के लिए जबरन अमेरिका ले जाया गया लेकिन वह अडिग रही
भाग-11 मुंबई अपराध शाखा की कहानी में झोल साफ़ नज़र आता है
ए) सी एस टी-कामा पर गोलीबारी का समय
बी) सी एस टी-कामा क्षेत्र पर आतंकवादियों की संख्या
सी) सी एस टी से आतंकवादियों का निकलना
डी) “स्कॉडा” थ्योरी
ई) गिरगांव चौपाटी मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों की संख्या
मुंबई आतंकी हमले का एक वैकल्पिक दृष्टिकोण
1) विले पार्ले और वाडी बंदर पर टैक्सी धमाकों का राज़
2) ऑफ़िशियल सीक्रेट एक्ट के तहत एक मामला
3) प्रधान पैनल की रिपोर्ट को छिपाने के प्रति सरकार (पढ़ें आई बी) की चिंता
रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्सों का लीक होना गुमराह करने के लिए है
बाद की घटनाएं दृष्टिकोण की पुष्टि करती हैं
फिर से जाँच के लिए उपयुक्त मामला
7. मुंबई हमला केस की जाँच
आई बी और एफ बी आई असल जाँचकर्ता, मुंबई क्राइम ब्रांच महज़ एक कठपुतली
8. मालेगांव विस्फोट कांड 2008 (मुंबई हमले के बाद जाँच)
हेमंत करकरे की जाँच पर पानी फेरना
असल षडयंत्रकारी का चेला ही जाँच टीम का प्रमुख बना
अनेक भयंकर कोताहियां और कारगुज़ारियां
9. महाराष्ट्र के ब्राह्मणों की संदिग्ध भूमिका
10. आई बी के ख़िलाफ़ चार्ज शीट
11. देश व समाज को बचाने के लिए तुरन्त उपाय ज़रूरी
संलग्नक अ
संलग्नक ब
नक़्शा : उस स्थान का चित्र जहां पर प्रमुख आतंकवादी हमला हुआ और हेमंत करकरे की
हत्या हुई
Pharos Media
is pleased to inform about our new book “Who Killed Karkare? — The real face
of terrorism in India” written by a former senior police officer. For the first
time, it probes deep into the "Islamic terrorism" in India. Of particular
interest is the book's detailed study of the 26/11 attack on Mumbai during which
Maharashtra ATS chief Hemant Karkare was killed.
From the back cover of the book: Political
violence, or terrorism, by State as well as by non- State actors has a long
history in India. The allegation that sections of and individual Indian Muslims
indulged in “terrorism” surfaced for the first time with the ascent of the
Hindutva forces in mid-1990s and became state policy with the BJP’s coming to
power at the Centre. With even “secular” media joining the role as stenographers
of security agencies, this became an accepted fact so much so that common
Indians and even many Muslims started believing in this false propaganda.
This book, by a former senior police officer, with a distinguished career that
included unearthing the Telgi scam, peeps behind the propaganda screen, using
material mostly in the public domain as well as his long police experience. It
comes out with some startling facts and analysis, the first of its kind, to
expose the real actors behind the so-called “Islamic terrorism” in India whose
greatest feat was to murder the Maharashtra ATS chief Hemant Karkare who dared
to expose these forces and paid with his life for his courage and commitment to
truth. While unearthing the conspiracy behind the murder of Karkare, this book
takes a hard look at some of the major incidents attributed to “Islamic
terrorism” in India and finds them baseless.
Table of Contents
I: Hindu-Muslim riots
II: Switching gears — from
Communalism to the bogey of “Muslim terrorism”
III: Bomb blast
investigations
i) Mumbai Train bomb blast case of 2006
(11 July 2006)
ii) Malegaon bomb blast case (8
September 2006)
iii) Ahmedabad bomb blasts & Surat
unexploded bombs (26 July 2008)
iv) Delhi bomb blast 2008 (13 September
2008)
v) Samjhauta Express bomb blast case
(19 February 2007)
vi) Hyderabad Mecca
Masjid Blast (18 May 2007)
vii) Ajmer Sharif Dargah Blast (11
October 2007)
viii) Serial Blasts in U.P. courts (23
November 2007)
ix) Jaipur Blasts (13 May 2008)
IV: Nanded bomb blast (5 April 2006)
V: Malegaon Bomb Blast 2008
VI: Who Killed Karkare?
Part I: The Brahminist elements in the
IB and in the Naval Intelligence Directorate deliberately blocked the hot
intelligence given by the U.S. and the RAW
Part II: 16 CCTVs at the CST were
tampered with
Part III: The “terrorists” at CST used
SIM cards which had Satara connections
Part IV: Out of the 284 calls received
by the terrorists from their handlers in Pakistan by using VOIP (Voice Over
Internet Protocol Technology), not a single call was received by Kasab and
Ismail Khan
Part V: The Terrorists spoke fluent
Marathi
Part VI: Out of 46 persons killed at
CST, 22 were Muslims
Part VII: Karkare led to the trap
Part VIII: Ajmal Kasab was arrested in
Kathmandu (Nepal) before 2006 by Indian agencies
Part IX: Much-publicised photograph of
Ajmal Kasab
Part X: A woman witness forcibly taken
to the U.S. for interrogation and recording her statement, but she did not budge
Part XI: Holes galore in the Mumbai
Crime Branch story
A) The timing of firing at CST-CAMA
B) The number of terrorists at CST
C) The exit of the terrorists from the
CST
D) The “Skoda” theory
E) The number of terrorists killed in
the Girgaum Chowpatty
An alternative theory of Mumbai terror
attack
I) The mystery of taxi blasts at Vile
Parle and Wadi Bundar
II) An offence under the Official
Secrets Act
III) The government’s anxiety to keep
the Pradhan Panel report under wraps — the selective leakage of the report is a
red herring
Perfect case for reinvestigation
VII: The Investigation of the Mumbai
Attack case
VIII: Malegaon blast case of 2008 —
Post-Mumbai attack investigation
Abhinav Bharat
Bhonsala Military School
Akanksha Resort
“Mithun Chakravorty”
Many suspects spared: Himani
Savarkar, VHP leader Praveen Togadia, Three “VHP leaders” from Gujarat, A top
Delhi-based leader of VHP, Dr. Sharad Kunte, Prof. Deo, Shamrao Apte, Two
“well-known historians” from Pune, Milind Ekbote, former BJP Corporator, Pune ,
Jayant Chitale, Retd. Col
Wider network ignored
MCOCA not for Purohit & Co.
What will happen to Malegaon case next?
IX: Dubious role of Maharashtrian
Brahminists
Maharashtra, the Hindutva (Brahminist)
laboratory
No political leader of Maharashtra
dares take on Brahminists
X: The Chargesheet against the IB
XI: Urgent measures needed to save
country & society
Annexure A: Important points in
respect of the specific intelligence about the Mumbai terror attack
Annexure B: The transcript of
the wireless conversation
Map: A sketch of the area which
witnessed major terror incidents and Hemant Karkare’s murder
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